कोरोना वायरस (Coronavirus) पर अपडेट्स के लिए बनाए गए आरोग्य सेतु ऐप पर बीते कुछ समय से कई सवाल उठ रहे हैं. इसलिए इसे समझना जरूरी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस ऐप पर आपत्ति जताई थी. यहां जानते हैं कि आखिर आरोग्य सेतु ऐप में किस तरह प्राइवेसी फीचर काम करता है!
1 . सबसे पहले जब आप साइन अप करने जाते हैं तो हर यूजर को एक ”यूनिक रैंडम डिवाइस आईडी ”दी जाती है.
दो डिवाइस के बीच और डिवाइस और सर्वर के बीच सभी तरह के कम्यूनिकेशन के लिए इसी ”यूनिक रैंडम डिवाइस आईडी ” का उपयोग होता है. किसी भी तरह के कम्यूनिकेशन के लिए आपकी पर्सनल जानकारी का उपयोग नहीं होता.
2. जब आप किसी दूसरे रजिस्टर्ड डिवाइस के पास जाते हैं तो ऐप एक एन्क्रिप्टेड सिग्नेचर आपके फोन पर ही कलेक्ट कर लेता है! जब तक आप कोविड-19 पॉजिटिव नहीं होते हैं, तब तक इंटरेक्शन की जानकारी सर्वर पर नहीं भेजी जाती है.
3. सरकार आपके द्वारा दी गई डिटेल्स का उपयोग केवल कोविड-19 से जुड़े यानी स्वास्थ्य मामलो में ही करती है. किसी भी और चीज के लिए आपके डाटा का इस्तेमाल नहीं किया जाता.
4. आरोग्य सेतु ऐप किसी भी यूजर की पर्सनल आइडेंटिटी को कभी सामने नहीं लाता है. पॉजिटिव पेशेंट की पहचान को भी कभी शेयर नहीं किया जाता है.
5 . आपके आसपास के सभी डिवाइस इंटरेक्शन की जानकारी को भी सिर्फ 30 दिनों तक आपके ही फोन में संभाल के रखा जाता है. सभी गैर जोखिम वाले यूजर का डाटा 45 दिनों में हटाया जाता है जबकि पॉजिटिव रोगियों का डाटा उनके ठीक होने के 60 दिनों बाद हटा लिया जाता है.
आरोग्य सेतु App के फीचर्स कैसे करते है काम ?